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बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले सियासी हलचल तेज, पोस्टर विवाद और गोलीबारी से गरमाया माहौल

संवाददाता: Mozam Khan | दिनांक: 28 जुलाई 2025

बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है। एक ओर गोलियों की गूंज से कानून-व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं, तो दूसरी ओर तेजस्वी यादव और लालू प्रसाद यादव को लेकर पोस्टर विवाद ने राजनीतिक माहौल को और गर्मागर्मी का माहौल बना दिया है। वहीं, तेज प्रताप यादव के उत्तर प्रदेश के करहल सीट से चुनाव लड़ने की खबरें भी चर्चा का विषय बनी हुई हैं।

गोलीबारी की घटनाएं: कानून व्यवस्था पर सवाल

हाल के दिनों में राज्य के कई जिलों से गोलीबारी और अपराध की घटनाएं सामने आई हैं। पटना, गया और मुजफ्फरपुर जैसे शहरों में दिनदहाड़े फायरिंग, लूटपाट और हत्या की वारदातों ने आम जनता के बीच दहशत का माहौल बना दिया है। विपक्ष लगातार नीतीश कुमार सरकार और भाजपा पर कानून-व्यवस्था को लेकर हमलावर है।

तेजस्वी यादव ने एक रैली में कहा:

"बिहार में जंगलराज लौट आया है। सरकार चुनाव में व्यस्त है और अपराधी सड़कों पर राज कर रहे हैं।"
पोस्टर विवाद: 'टोटी चोर' बनाम 'चारा चोर'
पटना की सड़कों पर एक नया राजनीतिक पोस्टर विवाद सामने आया है। कुछ अज्ञात लोगों ने तेजस्वी यादव को 'टोटी चोर' और लालू यादव को 'चारा चोर' बताते हुए विवादित पोस्टर लगाए। इस पर राजद कार्यकर्ताओं ने विरोध जताते हुए पोस्टरों को फाड़ा और इसे भाजपा की "घटिया राजनीति" बताया। पार्टी प्रवक्ता ने कहा:
"ये हरकतें चुनावी डर को दर्शाती हैं। जिन्होंने जनता को ठगा है, वही अब इस तरह की गंदी राजनीति कर रहे हैं।"
भाजपा की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन अंदरखाने इसे "जनता की आवाज" बताया जा रहा है।

तेज प्रताप यादव का करहल से चुनाव?

एक और बड़ी राजनीतिक चर्चा यह भी है कि तेज प्रताप यादव बिहार छोड़कर उत्तर प्रदेश के करहल विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ सकते हैं।
यह वही सीट है, जहां से कभी अखिलेश यादव ने चुनाव लड़ा था। हालांकि, तेज प्रताप यादव के लिए राजद की ओर से इसकी पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन अटकलों ने राजनीतिक विश्लेषकों को सक्रिय कर दिया है।
कुछ जानकारों का मानना है कि यह रणनीति तेज प्रताप की व्यक्तिगत राजनीति को राष्ट्रीय पटल पर लाने की कोशिश हो सकती है।

निष्कर्ष:

बिहार में विधानसभा चुनाव का माहौल जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, अपराध, आरोप-प्रत्यारोप और रणनीतिक बदलाव सियासी ताबड़तोड़ गतिविधियों को जन्म दे रहे हैं। पोस्टर वार से लेकर संभावित सीट बदलने तक, हर पहलू पर अब चुनावी गणित का हिस्सा बनता जा रहा है।
राजनीतिक दलों के लिए अब यह सिर्फ चुनाव नहीं, बल्कि छवि की जंग भी बन चुका है। देखना दिलचस्प होगा कि कौन किस चाल से आगे निकलता है और जनता किस पर विश्वास जताती है।

संवाददाता: Mozam Khan
दिनांक: 28 जुलाई 2025

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