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ऋषभ पंत ने टूटी उंगली के बावजूद खेली जांबाज़ पारी, बहादुरी की तुलना अनिल कुंबले से

संवाददाता: Mozam Khan | दिनांक: 26 जुलाई 2025

क्रिकेट का जज़्बा: टूटी उंगली, लेकिन जुझारू पारी

भारतीय टीम के स्टार विकेटकीपर-बल्लेबाज़ ऋषभ पंत ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वह सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि हौसले का दूसरा नाम हैं। चल रही टेस्ट सीरीज़ के चौथे टेस्ट के दूसरे दिन उन्होंने टूटी हुई पैर की उंगली के बावजूद 54 रन की बहुमूल्य पारी खेली, जिसमें एक शानदार छक्का भी शामिल था।

इस साहसिक पारी के बाद फैंस और विशेषज्ञों ने उनकी तुलना अनिल कुंबले से की है, जिन्होंने 2002 में टूटे जबड़े के साथ वेस्टइंडीज के खिलाफ गेंदबाज़ी की थी।

कैसे लगी चोट?

ऋषभ पंत को चौथे टेस्ट के दूसरे दिन की शुरुआत से पहले अभ्यास के दौरान बाएं पैर की छोटी उंगली में चोट लगी थी। डॉक्टरों ने उन्हें खेलने से मना किया, लेकिन पंत मैदान पर उतरे और भारतीय टीम के लिए महत्वपूर्ण रन जोड़े।

बीसीसीआई मेडिकल टीम ने बाद में पुष्टि की कि उनकी उंगली में हेयरलाइन फ्रैक्चर है।

बीसीसीआई का आधिकारिक बयान

बीसीसीआई ने एक आधिकारिक प्रेस नोट जारी कर बताया:
“ऋषभ पंत की हालत फिलहाल स्थिर है। वह बल्लेबाज़ी कर सकते थे, लेकिन चोट के कारण वह विकेटकीपिंग नहीं कर पाएंगे। उनकी निगरानी मेडिकल टीम द्वारा की जा रही है और आगे के मैचों के लिए निर्णय स्थिति के अनुसार लिया जाएगा।”

पारी का महत्व

पंत की यह 54 रन की पारी तब आई जब भारत 5 विकेट पर 180 रन पर संघर्ष कर रहा था। उन्होंने निचले क्रम के बल्लेबाज़ों के साथ महत्वपूर्ण साझेदारी करते हुए टीम को 250 के पार पहुंचाया।
उनका एक छक्का उस समय आया जब वह दर्द से जूझ रहे थे, और उस शॉट ने दर्शकों को झकझोर कर रख दिया।

क्रिकेट जगत की प्रतिक्रियाएं

क्रिकेट के दिग्गज और फैंस ऋषभ पंत की इस बहादुरी को सलाम कर रहे हैं।
हरभजन सिंह ने ट्वीट किया:
“एक पैर पर खड़े होकर टीम के लिए लड़ना – यही असली योद्धा होता है। सलाम ऋषभ पंत!”
वीरेंद्र सहवाग ने लिखा:
“अनिल कुंबले के बाद अगर किसी ने शरीर से ज्यादा दिल से खेला है, तो वो ऋषभ पंत हैं।”

अनिल कुंबले से तुलना – क्यों जायज़ है?

अनिल कुंबले ने 2002 में वेस्ट इंडीज के खिलाफ एंटीगा टेस्ट के दौरान टूटे जबड़े के साथ 14 ओवर गेंदबाज़ी की थी और ब्रायन लारा का विकेट लिया था।

आज पंत ने ठीक उसी तरह टीम के लिए अपना दर्द भुलाकर मैदान में जज़्बा दिखाया।
इस तुलना ने पंत को भारतीय क्रिकेट की वीरगाथाओं की सूची में शामिल कर दिया है।

आगे क्या?

ऋषभ पंत अगले कुछ दिनों तक रिकवरी मोड में रहेंगे।
फिलहाल वह विकेटकीपिंग नहीं करेंगे, उनकी जगह ध्रुव जुरैल यह जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
पांचवें टेस्ट के लिए पंत की उपलब्धता पर फैसला मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद लिया जाएगा।

निष्कर्ष:

ऋषभ पंत की यह पारी सिर्फ स्कोरबोर्ड का हिस्सा नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा की मिसाल है।
जब भी भारतीय क्रिकेट में जज़्बे की बात होगी, पंत की यह 54 रन की दर्द भरी पारी याद रखी जाएगी — ठीक वैसे ही जैसे हम आज भी कुंबले के टूटे जबड़े की गेंदबाज़ी को याद करते हैं।


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