डर को महसूस करो और फिर भी आगे बढ़ो – जीवन बदलने वाली सोच
"Feel the Fear and Do It Anyway" एक प्रेरणादायक पुस्तक है, जिसे डॉ. सुसन जेफ़र्स ने लिखा है। यह किताब बताती है कि डर कोई दुश्मन नहीं है, बल्कि एक संकेत है कि आप कुछ नया सीखने और बढ़ने की प्रक्रिया में हैं। इस किताब में सुसन जेफ़र्स ने डर से निपटने और खुद पर विश्वास बढ़ाने के लिए व्यावहारिक सुझाव और सिद्धांत दिए हैं।
1. डर सभी के जीवन में सामान्य है
सुसन जेफ़र्स का पहला और सबसे महत्वपूर्ण संदेश यह है कि डर से बचा नहीं जा सकता, बल्कि उससे सामना किया जाना चाहिए। हर इंसान को किसी न किसी रूप में डर महसूस होता है – चाहे वह नई नौकरी हो, कोई रिश्ता शुरू करना हो, या फिर कोई बड़ा फैसला लेना हो।“हर बार जब हम अपनी कम्फर्ट ज़ोन से बाहर कदम रखते हैं, डर साथ आता है।”
समाधान:
डर को स्वीकार करें, उससे भागें नहीं।उसे संकेत मानें कि आप विकास की ओर बढ़ रहे हैं।
2. डर के पीछे की असली भावना: “मैं संभाल नहीं पाऊँगा”
सुसन जेफ़र्स कहती हैं कि हर डर के पीछे एक गहराई से छिपी भावना होती है – “मैं इसे संभाल नहीं पाऊँगा।” लेकिन सच्चाई यह है कि आप सब कुछ संभाल सकते हैं।अभ्यास:
बार-बार खुद से कहें: "जो भी होगा, मैं संभाल लूँगा।"इस वाक्य को एक मंत्र की तरह दोहराएं – यह आप का खुद पर विश्वास बढ़ाएगा।
3. निर्णय लेने में डर न बनाएं रुकावट
बहुत से लोग डर की वजह से निर्णय लेने में हिच किचाते हैं। लेकिन सुसन जेफ़र्स बताती हैं कि कोई भी निर्णय अंतिम नहीं होता – आप हमेशा नई दिशा में जा सकते हैं।सिद्धांत:
कोई भी निर्णय “सही या गलत” नहीं होता, सिर्फ “अनुभव” होता है।अनुभव से सीख मिलती है – और यही सबसे बड़ा फायदा है।
4. सकारात्मक सोच और आत्म-चर्चा की शक्ति
सुसन जेफ़र्स बताती हैं कि हमारी खुद से बात करना (Self-Talk) ही हमारे डर को बढ़ा या घटा सकती है। जब हम बार-बार खुद से नकारात्मक बातें करते हैं (“मैं फेल हो जाऊँगा”, “लोग क्या कहेंगे”, "मुझसे नहीं होगा") – तो डर और भी गहरा हो जाता है।समाधान:
निगेटिव सोच को पहचानिए और बदलिए।पॉज़िटिव वाक्य दोहराइए – “मैं सक्षम हूँ”, “मैं कोशिश करूंगा”, “मुझे खुद पर भरोसा है", "मैं कर सकता हूं।"
5. डर को एक्शन से हराया जा सकता है
सुसन जेफ़र्स का एक शक्तिशाली मंत्र है:“डर को महसूस करो, और फिर भी आगे बढ़ो।”
यानी डर तो रहेगा ही, लेकिन आप डर के साथ काम कर सकते हैं, न कि डर के बिना।
एक्शन प्लान:
छोटे-छोटे कदम उठाइए।हर छोटे कदम से डर घटेगा और आत्म-विश्वास बढ़ेगा।
6. "Pain to Power" का सिद्धांत
सुसन जेफ़र्स ने एक विशेष सिद्धांत दिया है: Pain to Power Grid – यानी कैसे आप दर्द और डर की जगह ताकत और नियंत्रण महसूस कर सकते हैं।कमजोर अवस्था (Pain Side):
"मेरे साथ हमेशा गलत होता है।""मेरे पास कोई विकल्प नहीं।"
"मैं अकेला हूँ।"
शक्तिशाली अवस्था (Power Side):
"मैं ज़िम्मेदार हूँ।""मेरे पास हमेशा विकल्प हैं।"
"मैं समर्थन खोज सकता हूँ।"
7. दूसरों को दोष देना छोड़ें
सुसन जेफ़र्स कहती हैं कि जब तक आप दूसरों को अपने डर या असफलता के लिए दोष देते रहेंगे, तब तक आप अपनी शक्ति खो देंगे।ज़िम्मेदारी लेना ही असली शक्ति है।
8. डर में भी मज़ा लें
डर के साथ ज़िंदगी में रोमांच भी छिपा है। सुसन जेफ़र्स सिखाती हैं कि कैसे आप हर चुनौती को एक अवसर मान सकते हैं – सीखने, बढ़ने और जीने का।"जीवन कोई परीक्षा नहीं, एक अनुभव है – उसे जियो, सीखो, और आगे बढ़ो।"
9. एक सहारा नेटवर्क बनाइए
डर से अकेले लड़ना ज़रूरी नहीं। सुसन जेफ़र्स सलाह देती हैं कि आप ऐसे लोगों से जुड़ें जो पॉजिटिव हों, आपको प्रोत्साहित करें और आपकी भावनाओं को समझें।10. डर के पार ही असली आज़ादी है
जब आप डर को पार करना सीख जाते हैं, तो आपके जीवन में वास्तविक स्वतंत्रता, खुद पर-विश्वास और खुशहाली आती है। आप अपने फैसले खुद लेने लगते हैं और किसी की स्वीकृति के मोहताज नहीं रहते।निष्कर्ष:
"Feel the Fear and Do It Anyway" कोई सिर्फ मोटिवेशनल किताब नहीं है – बल्कि यह एक जीवन का तरीका सिखाती है।सुसन जेफ़र्स की यह किताब हर उस व्यक्ति के लिए एक मार्गदर्शक है जो अपने डर से जूझ रहा है और आत्म-विश्वास के साथ जीवन जीना चाहता है।
5 Key Takeaways:
डर सामान्य है – उस से भागो मत, उसे समझो।“मैं संभाल लूंगा” – यह सोच आपका हथियार है।
निर्णय लो, अनुभव लो, और सीखो।
डर को एक्शन से हराओ।
जिंदगी को एक खेल की तरह जियो – सीरियस नहीं, संजीदा होकर।
अगर आप अपने डर पर काबू पाना चाहते हैं और जीवन में आत्म-विश्वास के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं, तो Susan Jeffers की ये किताब आपके लिए एक अनमोल साथी बन सकती है।
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