प्रधानमंत्री मोदी की 'मन की बात' में ख़ुदिराम बोस को श्रद्धांजलि, मुजफ्फरपुर का किया उल्लेख
संवाददाता: Mozam Khan | दिनांक: 28 जुलाई 2025प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के नवीनतम संस्करण में महान स्वतंत्रता सेनानी ख़ुदिराम बोस को भावभीनी श्रद्धांजलि दी। उन्होंने बोस के साहस और बलिदान को याद करते हुए विशेष रूप से मुजफ्फरपुर का उल्लेख किया, जहाँ ख़ुदिराम ने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ ऐतिहासिक संघर्ष किया था।
प्रधानमंत्री ने कहा:
"ख़ुदिराम बोस मात्र 18 वर्ष की आयु में देश के लिए फांसी के फंदे पर चढ़ गए। उनका बलिदान आज भी हमें प्रेरणा देता है। मुजफ्फरपुर की मिट्टी इस वीर योद्धा की गाथा को आज भी अपने भीतर समेटे हुए है।"लोक परंपराओं की ताकत पर ज़ोर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' में भारतीय लोक परंपराओं और सांस्कृतिक विरासत की शक्ति पर भी बात की। उन्होंने कहा कि भारत की परंपराएं केवल सांस्कृतिक पहचान नहीं हैं, बल्कि ये समाज को दिशा देने वाली शक्तिशाली प्रेरणा हैं।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा:
"हमारे लोकगीत, लोककथाएँ और क्षेत्रीय परंपराएँ पीढ़ियों से समाज को एकजुट कर रही हैं। यह सिर्फ मनोरंजन नहीं, यह हमारे मूल्य हैं, जो हमें अपने कर्तव्यों की याद दिलाते रहते हैं।"युवाओं को भी दी प्रेरणा
प्रधानमंत्री ने युवाओं से आग्रह किया कि वे स्वतंत्रता सेनानियों की कहानियों से प्रेरणा लें और देश सेवा को अपना लक्ष्य बनाएं। उन्होंने कहा कि भारत का भविष्य तभी उज्ज्वल होगा जब युवा अपने इतिहास को समझेंगे और अपने कर्तव्यों को आत्मसात करेंगे।मन की बात: एक जन संवाद
'मन की बात' कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक मासिक रेडियो संवाद है, जो 2014 से लगातार प्रसारित हो रहा है। यह न केवल सरकार की योजनाओं की जानकारी देता है, बल्कि आम लोगों की कहानियों, परंपराओं और राष्ट्रीय मूल्यों को भी सामने लाता है।निष्कर्ष:
ख़ुदिराम बोस जैसे वीरों का स्मरण केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि यह भारत की आत्मा से जुड़ने का एक जरिया है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 'मन की बात' में उनका जिक्र और लोक परंपराओं की चर्चा, यह दर्शाता है कि आज भी राष्ट्र की आत्मा उन विचारों और बलिदानों में बसती है जो हमें आज़ादी दिलाने के लिए दिए गए थेसंवाददाता: Mozam Khan
दिनांक: 28 जुलाई 2025
0 टिप्पणियाँ